एक बार हमसे साँवरे नज़रें मिलाईए

एक बार हमसे साँवरे नज़रें मिलाईए ।
नज़रें मिला के श्याम ज़रा मुस्कुराईए...
एक बार हमसे साँवरे नज़रें...

नज़रें हमारी आपकी चौख़ठ पे है अड़ीं,
कब से निहारे राह बेचारी खड़ी-खड़ी ।
नज़रों पे कर रहम इन्हें, अब ना सताईए...
एक बार हमसे साँवरे...

दिल को तो हमने आपके चरणों में रख दिया,
दुनियाँ हमारी आप हैं इतना समझ लिया ।
अब आप अपने हाथ से इसको सजाईए...
एक बार हमसे साँवरे...

यह जानकर कि आप यहीं आस पास हैं,
फिर भी समझ ना आए ये दिल क्यों उदास है ।
ज़ज़्बात दिल के जान ज़रा पास आईए...
एक बार हमसे साँवरे...

प्रहलाद सा बनूं प्रभु हनुमत सी भक्ति दो,
गाऊँ भजन मैं झूम के मीरा सी मस्ती दो ।
भक्त को गले से अपने गले तो लगाईए...
एक बार हमसे साँवरे...

   बोल बांके बिहारी लाल की... जय....

अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल

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