बंसी बजदी जंगल विचू आई श्याम तेरे मिलने नू,
असा रो रो जान गवाई श्याम तेरे मिलने नू॥
सुनयो भिलनी दा हाल भक्ति किती ए कमाल,
सुनयो शबरी दा हाल भक्ति किती ए कमाल,
जूठे बैरा दा भोग लगाई श्याम तेरे मिलने नू,
बंसी बजदी जंगल विचू आई......
सुनयो मीरा माई हाल भक्ति किती ए कमाल,
ओहने जहरा विच अमृत पाई श्याम तेरे मिलने नू,
बंसी बजदी जंगल विचू आई......
सुनयो द्रौपदी दा हाल भक्ति किती ए कमाल,
ओह्दी सभा बिच लाज बचाई श्याम तेरे मिलने नू,
बंसी बजदी जंगल विचू आई......
सुनयो धन्ने भक्त हाल भक्ति किती ए कमाल,
ओहने पत्थरा च दर्शन पाई श्याम तेरे मिलने नू,
बंसी बजदी जंगल विचू आई......