पर्वत पे रेहने वाली शेरो की सवारी,
भगतो के कष्ट निभाये मैया ये बोली भाली,
मैया तो दोडी आती है भगतो के बुलाने पे
ये वैष्णो माँ दोडी आती है भगतो के बुलाने पे
फैले है जितने दामन इन के चरणों के आगे,
पूरी करदी मैया ने उनकी मुरादे
वो झोली भर भर देती माँ खुशियों का वर देती
मैया तो दोडी आती है बच्चो के बुलाने पे
ये वैष्णो माँ दोडी आती है भगतो के बुलाने पे
क्यों गबराता वन्वारे जब मैया नाव चलाए,
हर विपदा में आके तुझको पार लगाये
वो आशा न तोड़े गी संकट में न छोड़े गी
मैया तो दोडी आती है भगतो के बुलाने पे
ये वैष्णो माँ दोडी आती है भगतो के बुलाने पे
विशाल नाम तुमहरा यो सुमिरे हो भव पारा
मैं भी भगत तुम्हारा मैंने जीवन तुझपे वारा
सेवा तेरी मिल जाए तो भगये मेरे जग जाए
मैया तो दोडी आती है भगतो के बुलाने पे
ये वैष्णो माँ दोडी आती है भगतो के बुलाने पे