श्रधा से जो भी आता है मैया तेरे भवन

श्रधा से जो भी आता है मैया तेरे भवन,
बिन मांगे सब मिल जाता है खुश हो जाता मन
श्रधा से जो भी आता है मैया तेरे भवन,

उची चडाई तेरी थक ता न कोई चड के
सारे जग में मैया दरबार तेरा बड के
सब को तेरे दर्श की मैया लग जाती है लगन
बिन मांगे सब मिल जाता है खुश हो जाता मन
श्रधा से जो भी आता है मैया तेरे भवन,

जिस ने भी सिर झुकाया मैया तूने उठाया
गिरते को मैया तूने हस कर गले लगाया
मैया मुकेश हर पल तेरा गाता रहे भजन
बिन मांगे सब मिल जाता है खुश हो जाता मन
श्रधा से जो भी आता है मैया तेरे भवन,

download bhajan lyrics (747 downloads)