ओ शेरोवाली माँ करो मेरा भव से बेडा पार कब से खड़ा मैं तेरे द्वार
मेरा हो जाए उधार दया की करो नजर इक बार
कब से खड़ा मैं तेरे द्वार,
तुम हो दयालु माँ कर दो दया मुझपर
मैं मांगता हु माँ चरणों में तेरे झुक कर
तेरी महिमा अप्रम पार भवानी शक्ति का अवतार
कब से खड़ा मैं तेरे द्वार,
उचे पहाड़ो पे डाले हो माँ डेरा,
सारे जगत पे माँ चलता हुकम तेरा
माँ बैठी सिंह सवार माँ तेरे हाथ हजार
कब से खड़ा मैं तेरे द्वार,
मैं हु अज्ञानी माँ तेरी महिमा क्या जानू
बचपन से हे माता मैं तुझको ही मानु
धोता चरण तेरे गिरी बेहती आंसुओ की धार
कब से खड़ा मैं तेरे द्वार,