कद तू आवेगों कद तू आवेगो,
अधीर हुआ भगता ने कद तू धीर बंधावे गो
कद तू आवेगों कद तू आवेगो,
आसरो ही दुनिया में प्रभु जी थारो है
डूबती जग नैया में सहारो थारो है
एह भी अगर नही ध्यान दिया तो कौन बचावे गो
अधीर हुआ भगता ने कद तू धीर बंधावे गो
कद तू आवेगों कद तू आवेगो,
श्याम कद अंत हॉवे लो ये महामारी को
बता कद भेद में लेलो इ बिमारी को
कोई मुख न खोले कुन यो राज बतावे गो
अधीर हुआ भगता ने कद तू धीर बंधावे गो
कद तू आवेगों कद तू आवेगो,
मंदिर सब सुना सुना यु काई खेलो है
तीर्थ भी वीरान सा हो गया ये काही,
झमेलों है धर्म ध्वजा नंदू मिल भगवन कुन लहरावे गो
अधीर हुआ भगता ने कद तू धीर बंधावे गो
कद तू आवेगों कद तू आवेगो,