काम बणेगो खाटू में, श्याम मिलेगो खाटू में,
कष्ट कटेगो खाटू में, श्याम मिलेगो खाटू में………
जद संकट मंडरावेगो, मोरछड़ी लहरावेगो,
काल टलेगो खाटू में, श्याम मिलेगो खाटू में…….
दीनन को यो नाथ प्रभु, सिर पे धरेगो हाथ प्रभु,
साथ चलेगो खाटू में, श्याम मिलेगो खाटू में……
दास है पगले तू वाको, नाम ही काफ़ी है जाको,
टेर सुणेगो खाटू में, श्याम मिलेगो खाटू में…..
प्रेमी मिलेंगे कीर्तन में, खाटू के संकीर्तन में,
प्रेम बढ़ेगो खाटू में, श्याम मिलेगो खाटू में…
ग़र “मोहित” हो जावेगो, हर दुख दूर भगावेगो,
पार लगेगो खाटू में, श्याम मिलेगो खाटू में….