वो हाथ पकड़ मेरा खाटू ले जाते है,
हर ग्यारस में मुझको मेरे श्याम भुलाते है,
जिसकी खातिर दुनिया दिन रात तरस ती है,
वहा अमृत की वरखा रोज बरसती है वो रेहमत के प्याले भर भर पिलाते है,
वो हाथ पकड़ मेरा खाटू ले जाते है,
मुझे ठोकर लगते ही वो वयाकुल को जाये,
कुछ काम करे ऐसा होठो पे हसी आये,
वो मेरे मन की बाते पहचान जाते है,
वो हाथ पकड़ मेरा खाटू ले जाते है,
दिलदार दयालु है एक पल में पिगल जाए,
एक बार नजर डाले किस्मत ही बदल जाये,
एह पाल तेरी कस्ती वो पार लगाते है
वो हाथ पकड़ मेरा खाटू ले जाते है,