मेरे सिर पे रख दो मैय्या हो अपने ये दोनो हाथ
देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ॥
जुलस रहे है गम की धूप मे प्यार की छाया कर देना
बिन पानी के नाव चले ना अब पतवार पकड़ लेना
मेरा रास्ता रोशन कर दे छाई अंधियारी रात
देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ॥
इसी जनम मे सेवा देकर बहुत बड़ा एहसान किया
तू ही दुर्गा तू ही काली मैने तुझे पहचान लिया
तेरा साथ रहे बरसो तक, बस रखले मेरी बात
देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ॥
सुना है हमने शरणागत को अपने गले लगाते हो
ऐसा हमने क्या माँगा जो देने मे घबराते हो
चाहे जैसे रख दे मैय्या बस होती रहे मुलाकात
देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ ॥