हो जा राम का दीवाना बंदे न कर टालमल टोल,
प्रेम के भूखे राम ने देखो शबरी की झूठन खाई
ऐसा करके राम ने खुद की जग में शोभा बड़ाई
बंदे न कर टालमल टोल....
क्या क्या करतब किये राम ने क्या क्या खेल दिखाए,
एहालिया को भी तार दियां जब अपने पैर छुआये
बंदे न कर टालमल टोल,
आजा उसकी शरनी में न कर तू आना कानी
मौज बहारे देख के तुझको होगी बड़ी हेरानी,
बंदे न कर टालमल टोल,