इसका भेद बता मेरे अवधू साबुत करनी करता तू
डाली भूल जगत में कैसी, जहां देखूं वहां तू का तू.
हाथी में मोटो बन बैठो, कीड़ी माहि छोटो तू,
ऊपर बैठो महावत देखो, हाकन वालो तू का तू ,
इसका भेद बता मेरे अवधू साबुत करनी करता तू...........॥
नर नारी माहि एक बिराजे प्रभु, दो दुनिया में दिखे तू
बालक होकर रोवन लागो, राखन वालो तू का तू,
इसका भेद बता मेरे अवधू साबुत करनी करता तू...........॥
दाता में तू डाता बन बैठो, भिखियारी रे भेड़ो तू,
मंगतो होकर मांगन लागो, देवन वालो तू का तू,
इसका भेद बता मेरे अवधू साबुत करनी करता तू...........॥
जल थल जगत में गुरुवर , जिथे देखू उत्थे तू का तू,
कहत कबीर सुनो रे भाई साधो, गुरु मिलिया हे तू का तू,॥