छोड़ के खाटू नगरी को मेरे घर आ जाओ श्याम

छोड़ के खाटू नगरी को मेरे घर आ जाओ श्याम,
मैं निर्धन बालक हु तेरा तुम मेरे घनश्याम,

तिनका तिनका जोड़ सँवारे मैंने इसे बनाया,
प्रेम साधना और भक्ति से इसको खूब सजाया,
बड़े चाव से है सांवरिया तुमको आज भुलाया,
दुनिया की परवाह नहीं बस मुझको तुमसे काम,
मैं निर्धन बालक हु तेरा तुम मेरे घनश्याम,

रुख सूखा श्याम दिया जो उसका भोग लगाओ,
सूखा साग विधुर घर खाओ मेरे घर भी आओ,
धन्ना जाट को मेरे श्याम बिन बीज खेत उपजाऊ,
कर्मा भाई खीचड़ लाइ जग में उसका नाम,
मैं निर्धन बालक हु तेरा तुम मेरे घनश्याम,

आखो में मेरी सूखे आंसू बात निहारु तेरी,
याद में तेरी तड़प रहा हु हो न जाए देरी,
आगे श्याम खड़ा हो बेशक काय हो जाए डेरी,
बस तेरे चक्र में बाबा माहि है बदनाम,
मैं निर्धन बालक हु तेरा तुम मेरे घनश्याम,
download bhajan lyrics (754 downloads)