शेरो वाली मियाँ मेरी॥
कैसे जाऊ दवार तुम्हारी टूटी मेरी नीया॥
तू ही है जननी तू ही है देवी तू है गौरी माता,
तेरे सिवा हे मेरी अम्बे कुछ भी समज नही आता
द्रोपदी की लाज वाच्या जैसे कृष्ण कन्हिया
शेरो वाली मियाँ मेरी.....
सुम्ब निसुम्ब को मारा तुमने जग में हुआ है नाम
निर्धन बन कर खड़ा हुआ हु तेरे घर ग़ुम नाम
मथुरा का उधार किया है
शेरो वाली मियाँ मेरी.......
ढोल नागदा वजा रहे सब साथ मै है सहनाई,
डाकिया वाले डाक वजा कर भगतन को नचाई
नोरतन को नो रूपन मै आने वाली मियाँ
शेरो वाली मियाँ मेरी