फागण का महीना आ गया चालो रे खाटू चालो,
सांवरिया तुम्हे बुला रहा चालो रे खाटू चालो,
मेरे श्याम हैं लखदातार करके बाबा की जैकार,
हम भी सबसे अब तो ये कहें,
रंग श्याम का सब पे छ गया चालो रे खाटू चालो,
फागण का महीना आ गया चालो रे खाटू चालो॥
रींगस में आके पहले बाबा को शीश झुका लो,
फिर करके सब तैयारी तुम एक निशान उठा लो,
भक्तों का संग मन भा गया चालो रे खाटू चालो,
फागण का महीना आ गया चालो रे खाटू चालो॥
जो पैदल चलकर आता वो खाली हाथ ना जाता,
जो लगन हो टीटू सच्ची तो बाबा गले लगाता,
वी बिन मांगे सब पा गया चालो रे खाटू चालो,
फागण का महीना आ गया चालो रे खाटू चालो॥