बंशी बजा के मेरी निंदिया उड़ाई
सांवला सलोना मेरा कृष्ण कन्हाई
कुञ्ज गली में ढूंढें तुम्हे राधा प्यारी
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी
आँख मिचौली काहे खेले तू कान्हा
पलके बिछाए बैठी तेरी राधा
कास में तेरी बन जाती बंसुरिया
अधरों से तेरे लग जाती में सांवरिया
नैना निहारे पन्थ आओ मुरारी
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी
याद जो आये मोहे पल महारास के
थिरके पायलिया मृदंग ताल पे
जितनी गोपिया उतने गोविन्दा
कण कण में हे जेसे भगवंता
पल ना पड़े अब कान्हा पल पल भारी
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी
बंशी बजा के मेरी निंदिया उड़ाई
लाडला कन्हैया मेरा कृष्ण कन्हाई
कुञ्ज गली में ढूंढें तुम्हे राधा प्यारी
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी