चरण पखारू ध्यान धरु श्याम तेरा गुणगान करू,
जीवन नैया सुन खवइयाँ खाटू वाले हाथ तेरे,
हे मन मोहन हे गिरधारी प्यारे दीना नाथ मेरे,
मुझसे कभी नराज न होना,अर्ज करू अपराध भी हो ना,
दास हु क्या अभिमान करू,
श्याम तेरा गुणगान करू,
मोर छड़ी मेरी माथे में श्याम धनि लेहरादे तू,
जीवन में उज्यारा कर दे ऐसी ज्योत जगा दे तू,
चौकठ आना जाना रहे बस मिलना तुम्ही से होता रहे बस,
दुनिया की परवाह करू क्यों श्याम तेरा गुणगान करू,
पालनहारे आप हमारे नैनो में बस के रहना,
चरण तुम्हारी हम तो प्यारे किरपा तुम करते रहना,
हाथ पकड़ के छोड़ न देना प्रीत प्रभु ये तोड़ न देना,
लेहरी हसु मैं काहे डरु,
श्याम तेरा गुणगान करू,