सोहने मुखड़े नु वेख वेख जिह नहीं राजदा

सोहने मुखड़े नु वेख वेख जिह नहीं राजदा॥
दाता बख़शणहार मेरे अहब कटड़ा॥
सोहने मुखड़े ......

यह ता प्रीत त्रिलोकी जेहड़े जान दे लोकि,
साहड़ी रमज अनोखी नाता नाहियो अजदा,
सोहने....

तेरा देखिया नज़ारा आया प्रेम दा हुलारा,
चगड़ा मिट गया सारा उसदी लोक लज्दा,
सोहने....

प्रेम नाल जिसने टिका लगे दीद तेरा मीठा,
फिर वो जग तो वि कारा साई जावे सजदा,
सोहने...

दासन दास गुजारे वसो दिल विच प्यारे,
वादों तेरे नज़ारे जीना नाहियो जच्दा,
सोहने....

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