अरे कैसे कैसे लोग याहा ग्रेट हो गये

अरे कैसे कैसे लोग याहा ग्रेट हो गये,
खाटू में सुदामा जैसे सेठ हो गये
कल ये अंदर जिनके बाहर पेट हो गए
खाटू में सुदामा जैसे सेठ हो गये

खाटू की है यही खासियत जो आता वो पाता है
श्याम हमारा किसी को खाली नही लौटाता है
मत गबरायो आने में जो लेट हो गए,
खाटू में सुदामा जैसे सेठ हो गये

आसू है अनमोल यहा पर व्यर्थ नही वो जाते है
जो जाते है खाटू हर दम पूछो तो बत लाते है
अरे झोपडी नही थी कई फ्लैट हो गए
खाटू में सुदामा जैसे सेठ हो गये

याहा प्रेम की बजे बांसुरी सभी नाचते गाते है
केहते है सब सांवरियां से झोली भर ले जाते है
आरे आओ भगतो आने में क्यों लेट हो गए
खाटू में सुदामा जैसे सेठ हो गये
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