ये धरती माँ है मेरी
के अलग ऐलान लिख देना
मेरी इस जिन्दगी पे
इसके है ऐहसान है लिख देना
ये किस का मकबरा है
दुनिया वाले जान जायेंगे
मेरी कब्र के पत्थर पर
हिन्दुस्तान लिख देना
बहे खून मेरा चमन के लिए
चमन के लिए...
मेरी जान जाये वतन के लिए
मेरा दिल जिगर और मेरी जान भी
मेरी जान भी
है कुर्बान कंधो चमन के लिए
मेरी जान जाये वतन के लिए
भरत राम की तरह करलो मिलाप
करलो मिलाप .....
हो इतना करम संघटन के लिए
मेरी जान जाये वतन के लिए
जो सरहद पे मुझको शहादत मिले
ना मै हुस्न की अंजुमन चाहता हु
ना मै यारी प्यारी दुल्हन चाहता हु
ना मै चाँद जैसा ललन चाहता हु
ना मै रोशनी की किरण चाहता हु
ना बस्ती ना सेहरा ना बन चाहता हु
ना मै आलिशान भवन चाहता हु
ना मै किमती पैरंहण चाहता हु
ना मै पैसा गाड़ी ना धन चाहता हु
खुदा मै तो ये ही चमन चाहता हु
यही धरती गम वो चमन चाहता हु
जो सरहद पे मुझको शहादत मिले
शहादत मिले ...
तिरंगा उढाना कफ़न के लिए
मेरी जान जाये वतन के लिए
बहे खून मेरा चमन के लिए
चमन के लिए...
मेरी जान जाये वतन के लिए