जैसे पर्वत से झरने झर झर झर झरते आये

जैसे पर्वत से झरने झर झर झर झरते आये
मीठी आवाज सुनाये हम भी तो गुन गुनाये
हरी का नाम गाये हरी का नाम गाये गाये रे
सिया राम गाये रे सिया राम गए रे

जैसे पूनम के दिन चंदा की चाँदनी चमके चमके
जैसे बगिया में शीतल हवा आ गाये चुपके से चुपके से
ऐसा निर्मल सरल तेरा प्यार हो,
फिर क्यों ना तेरा उद्धार हो,

जैसे फूलों पे भौरा गुन गुन गुन करता आये,
मीठी आवाज सुनाये हम भी तो गुन गुनाये,
हरी का नाम गाये गाये रे,
जैसे पर्वत से झरने झर झर झर झरते आये,
मीठी आवाज सुनाये हम भी तो गुन गुनाये,
हरी का नाम गाये गाये रे सिया राम गाये रे,
राम जय जय राम जय जय राम,
जैसे अमराइयों में कोकिल करे पूजन रे पूजन रे

जैसे बसंती ऋतू में बगिया का खिले कण कण रे कण कण रे,
ऐसा रंग से भरा तेरा प्यार हो ऐसा रंग से भरा तेरा प्यार हो,
फिर क्यों ना तेरा उद्धार हो फिर क्यों ना तेरा उद्धार हो।।

जैसे गंगा की लहरें कल कल कल करती आये,
मीठी आवाज सुनाये हम भी तो गुन गुनाये,
हरी का नाम गाये गाये रे
जैसे पर्वत से झरने झर झर झर झरते आये
मीठी आवाज सुनाये हम भी तो गुन गुनाये
हरी का नाम गाये हरी का नाम गाये गाये रे
सिया राम गाये रे सिया राम गए रे ।।

अपने मन के महल में राघव कृपालु तू बसा ले तू बसा ले,
अपनी वाणी से उनके पावन चरित्र को तू गा ले हा गा ले,
ऐसा संगीतमय तेरा प्यार हो ऐसा संगीतमय तेरा प्यार हो
फिर क्यों ना तेरा उद्धार हो फिर क्यों ना तेरा उद्धार हो

बादल का प्रेमी चातक जो पिऊ पिऊ गाये,
मीठी आवाज सुनाये हम भी तो गुन गुनाये,
हरी का नाम गाये गाये रे
जैसे पर्वत से झरने झर झर झर झरते आये
मीठी आवाज सुनाये हम भी तो गुन गुनाये
हरी का नाम गाये हरी का नाम गाये रे
सिया राम गाये रे सिया राम गाये रे

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