बेर मीठे मीठे मेरे हाथो से वो खाये गे,
शबरी को भरोसा है के राम मेरे आएंगे,
नैनो के सन्मुख दो घडी तो बिताये गे,
शबरी को भरोसा है राम मेरे आएंगे,
रस्ते के कांटे कंकर रात दिन हटाते है,
बिशा कर के फूल प्रभु को रास्ता बनाते है,
कोमल है पात प्रभु के कांटे लग जायेगे,
शबरी को भरोसा है
हो कर अहलिया पत्थर राह में खड़ी है,
चरणों की रज पाने को व्याकुल वडी है,
विश्वाश रघुवर उसका तोड़ नहीं पाएंगे,
शबरी को भरोसा है...
किरपा मई मेरे राम है बड़े दयालु जी,
पाते है प्रीत उनकी बन्दर भालू जी,
दया की नजर मेरी और भी घुमाये गे,
शबरी को भरोसा है