शरणागतम्

जय चित्रगुप्त यमेश तव, शरणागतम् शरणागतम्।
जय पूज्यपद पद्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम्॥

जय देव देव दयानिधे, जय दीनबन्धु कृपानिधे।
कर्मेश जय धर्मेश तव, शरणागतम् शरणागतम्॥

जय चित्रअवतारी प्रभो, जय लेखनीधारी विभो।
जय श्याम तन, चित्रेश तव, शरणागतम् शरणागतम्॥

पुरूषादि भगवत अंश जय, कास्यथ कुल, अवतंश जय , जय शक्ति, बुद्धि विशेष तव, शरणागतम् शरणागतम्॥

जय विज्ञ क्षत्रिय धर्म के, ज्ञाता शुभाशुभ कर्म के।
जय शांतिमय न्यायेश तव, शरणागतम् शरणागतम्॥

तव नाथ नाम प्रताप से, छुट जायें भव, त्रयताप से, हो दूर सर्व कलेश तव, शरणागतम् शरणागतम्॥

जय दीन अनुरागी हरी, चाहें दया दृष्टि तेरी
कीजै कृपा करूणेश तव, शरणागतम् शरणागतम्॥

जय चित्रगुप्त यमेश तव, शरणागतम् शरणागतम्।
जय पूज्य पद पद्येश तव, शरणागतम् शरणागतम्॥
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