होकर सिंह पे मार संवार
करने दुष्टों का संगार आई धरती पे देखो मेरी कालका सरकार,
हाथ में खंडा लेकर दुष्टों को मारा है
कालका मैया ने विकराल रूप धारा है,
मिटाया माँ ने अन्धकार किया भगतो का उधार
आई धरती पे देखो मेरी कालका सरकार,
बादशाह अकबर ने भी माँ को अजमाया था
कटा हुआ शीश माँ ने घोड़े का लगाया था
चडाया शतर बेमिसाल नंगे पाओ चले दरबार
आई धरती पे देखो मेरी कालका सरकार,
ध्यानु भगत का शीश पल में मिला दिया
अकबर का एह्न्कार मिटी में मिला दिया
ज्योता वाली माँ सरकार किया चेहल का बेडा पार
आई धरती पे देखो मेरी कालका सरकार,