इतनी मेरी विनती तुम से पूरी करना श्याम कसम से,
और नहीं कुछ चाहु बस जन्म अगला बाबा तेरे खाटू में पाउ,
जब तक तन में सांस हमारे आके यु ही द्वार तुम्हारे चरणों में शीश झुकाउ,
बस जन्म अगला बाबा तेरे खाटू में पाउ...
मैंने अपने कर्मो का पूरा फल पाया,
खाटू की धरती मिली,और तेरे साया,
जीना मरना श्याम यही अब और कही न जाऊ,
बस जन्म अगला बाबा तेरे खाटू में पाउ,
पत्थर का इक टुकड़ा था पारस मुझे किया,
जब से जीवन सँवारे तेरी शरण किया,
तेरा कर्म जो मुझपे हुआ है कैसे उसे भुलाऊ,
बस जन्म अगला बाबा तेरे खाटू में पाउ,
मेरी क्या औकात है सब तेरा एहसान,
तुमने अपने प्रेमी का हर पल रखा ध्यान,
योगी कहता पल पल बाबा तेरा शुक्र मनाऊ,
बस जन्म अगला बाबा तेरे खाटू में पाउ,