खाटू में तो श्याम धनि के गूंज रहे जयकारे से,
फागन में भगत जानो के हो रहे वारे न्यारे से,
अरे के कहना उन भाग्त जानो का जो निशान उठावे से,
श्याम नाम की धुन पे मातो सब मिल के कदम बड़ा रहे से,
खाटू में तो श्याम धनि के गूंज रहे .....
अरे के कहना उन भक्त जानो का पेट पलनिया जो जावे,
अरे श्याम कुंद में धोटे लगा के संकट दूर भगावे से,
खाटू में तो श्याम धनि के गूंज रहे ...........
अरे उन भगतों क्या कहना ढोलक शन बजावे से,
अरे झूमे नाचे ख़ुशी मनवे रंग गुलाल उडावे से,
खाटू में तो श्याम धनि के गूंज रहे .....
अरे क्या कहना उन भगत जानो का भजन श्याम के गावे से,
राम अवतर और भीम सैन भी मिलकर धूम मचा रहे है
खाटू में तो श्याम धनि के गूंज रहे ...