पधारो जी पधारो जी खाटू के राजा
नीले पे चढ़ के तू दर्शन दिखा जा
है तेरे दर्शन को मन मेरा प्यासा,
नीले पे चढ़ के तू दर्शन दिखा जा
तरसती है कब से ये मेरी निगाहें,
पलके बिछा कर मैं तक ती हु राहे
है बेकरार दिल और जिगर में
बेचेनिया बड रही है नजर में
थोड़ी तसली तो आकार बंधा जा
बजते है मिरदंग ढोलक नगाड़े
जयकारे गूंजे गगन में तुम्हारे
दर्शन को आये है तेरे दीवाने
है सब के होठो पे तेरे तराने
भगतो की खातिर इक फेरा लगा जा
नीले पे चढ़ के तू दर्शन दिखा जा
भजन गाये दीक्शा लिखे है अनाडी,
जलती है जग मग ये ज्योति तुम्हारी
दरबार तेरा सजाया है मिल के
परशाद तेरा बनाया है मिल के
जल्दी से आके तू भोग लगा जा
नीले पे चढ़ के तू दर्शन दिखा जा