मेरी ऊँगली गया मरोड़ यशोदा कान्हा तेरा,
जब पनिया भरन को जाये तो करे शैताने हाए,
हमारी मटकी देवे फोड़ यशोदा कान्हा तेरा,
मेरी ऊँगली ........
ये घरो में है गुस जाता और चुरा के माखन खाता,
जो तो पक्का माखन चोर यशोदा कान्हा तेरा,
मेरी ऊँगली ......
जब पनिया भरन को जाये वो करे शेतानी हाए,
मारी मटकी दावे फोड़ यशोदा कान्हा तेरा,
मेरी ऊँगली .....
जब गैयाँ चरणे जाये बहा बेठ के मुरली बजये,
बंधे एसी प्रीत की ढोर यशोदा कान्हा तेरा,
मेरी ऊँगली ......
सब गोपियों को वो सताए फिर भी सबके मन भाए
सबके चित का चोर यशोदा कान्हा तेरा,
मेरी ऊँगली ....................