दिल से बंधी एक डोर जो खाटू जाती है

दिल से बंधी एक डोर जो खाटू जाती है,
हाँ जाती है बाबा से हमको तो ये मिलाती है,

दिल में ये प्यार ग़ुलाल जो खिल खिल जाते हैं,
हाँ खिल जाते हैं हमको तो ये खाटू ले आते हैं।

खाटू तो अपना इक प्यार सा बाबा है,
रौशन होगा खाटू अपना वहां पे तो श्याम बाबा है,
सच होने वाला है हर एक सपना मिलने वाला है,
अब हमको अपना दिल की ये बगिया महक जाती है

बिन बोले ही सब कुछ हमको बाबा हमारे दे देते,
सब अपने ही बन जाते हैं जब ये कृपा कर देते,
रिश्ता जो इनको भाता है खाटू से बाबा आता है,
इनकी ये कृपा हमें मिल जाती है

रंग गुलाल और ये होली बाबा संग लगे प्यारी,
झीलमिल हो गई हैं ये अखियां बाबा तेरी दीवानी,
तुमसे मिलने आए हैं हम दर्शन देना कहते हैं हम,
तेरी ये कृपा बरस जाती है
दिल से बंधी एक डोर जो खाटू जाती है
हाँ जाती है बाबा से हमको तो ये मिलाती है
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