मोरछड़ी के झाड़े से

मोरछड़ी के झाड़े से ......
बिपदा भी टलती खुशियां भी मिलती
श्याम धणी के इशारे से
मोरछड़ी के झाड़े से ......

हवा दूर और भूत प्रेत का भूत उतरता झाड़े से
ब्रह्मा जी का लिखा लिखाया लेख बदलता झाड़े से
बिगड़ी किस्मत सबकी बनते श्याम धणी के इशारे से
मोरछड़ी के झाड़े से ......

मोरछड़ी में भरी हुई है शक्ति श्याम सांवरिया की
इसके द्वारे कट जाती है हरी बीमारी दुनिया की
मिल जाती जीते जी मुक्ति जा श्री श्याम पुकारे से
मोरछड़ी के झाड़े से ......

कहे अनाड़ी मोर छड़ी से मंदिर के पट खुलते हैं
मोर पंख की मोरछड़ी से मुरली वाले मिलते हैं
ममता को भी ममता मिलती श्याम धणी के भंडारे से
मोरछड़ी के झाड़े से ......
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