सावित्री बोली ठहरो जरा, छोटा सा एक सवाल मेरा,
पति हमारे हैं सुनो यमराजा, प्राणो से प्यारे है सुनो यमराजा.....
छोड़ दो पति को, मेरे माथे का सिंदूर ना पोंछो,
सारे जहां के मालिक ऐसी गर्दिश ना हम पर डालो,
सास ससुर हैं अंधे, हाय कोई ना हमारा है सुनो यमराजा.....
लौट जा घर वापस पति वापस ना होंगे तुम्हारे,
मैं तुम्हें भर देता सती सो लाल होंगे तुम्हारे,
सावित्री यूं बोली कैसा वर तुम्हारा है यमराजा......
पुत्र कैसे होंगे पति मेरा तुम्हारे हवाले,
बिना पति के जो होंगे दाग लग जाए माथे हमारे,
सती ने पुकारा है सुनो यमराजा......