डोले डोले सब भक्ता रो मन डोले
दादी थारे डागडे पे मोर बोले
दादी थारे मंदरिए पे मोर बोले
सारे जग में राज करे ये झुंझुनू की महारानी
तनधन बाबू सेठ कहावे नारायणी सेठानी
थारो नाम दादी काना माही अमरत घोले
दादी थारे डागडे पे मोर बोले
दादी थारे मंदरिये पे मोर बोले
चुनरी लयाई चूडो लयाई रोली मोली ल्याई
लाल सुरंगी मेहंदी दादी दोनों हांथ मंडाई
लागे बनडी दादी जी मुड़के हौले हौले
दादी थारे डागडे पे मोर बोले
दादी थारे मंदारिए पे मोर बोले
दादुर मोर पपिहो बोले गूंज उठी शहनाई
घर घर पर्च्यो दादी थारे थारी ही सकलाई
श्वेता भजना में दादी के मगन डोले
दादी थारे डागडे पे मोर बोले
दादी थारे मंदरीय पे मोर बोले