मैं भी अगर शेर होता माँ को अपनी पीढ पे लेके जगह जगह फिरता
और दुनिया केहती देखो माँ का शेर जा रहा
कभी जाता पर्वत पर और जगराते में जाता जाता
और दुनिया केहती देखो माँ का शेर जा रहा
आगे आगे भेरो होते पीछे हनुमान
पीढ पे मैया होती करता मैं गुणगान
माँ की मुझपे किरपा होती मैं भी करता सेवा सेवा
और दुनिया केहती देखो माँ का शेर जा रहा
मैया जी के जागरण में नाचो जी भर,
मटक मटक के नाचू मैं मटकाता कमर
भगतो को मैं भजन सुनाता बन के माँ का प्यारा प्यारा
और दुनिया केहती देखो माँ का शेर जा रहा
पापिओ को इक मिनट में कर देता खलास
कुर्मी अमन और बडाता मैया का विश्वाश
पूरा कर दो मैया केशव का भी अरमान
और दुनिया केहती देखो माँ का शेर जा रहा