जिसके कारण है मेरी दुनिया में पहचान,
वो खाटू में रहता है सब कहते बाबा श्याम,
जिसके कारण है मेरी दुनिया में पहचान,
याद है दीदार श्याम का,
हमने पहली बार किया,
मात पिता से बढ़कर हमको,
श्याम धणी ने प्यार किया,
मेरे सर पर करदी अपनी,
मोरछड़ी की छाँव,
जिसके कारण है मेरी,
दुनिया में पहचान।
श्याम ने हमको अपनाया और शरण दी अपने चरणन में,
इसके बाद तो हमने मुड़कर कभी ना देखा जीवन में,
पुरे कर डाले मेरे दिल के सब अरमान,
जिसके कारण है मेरी दुनिया में पहचान,
जहाँ जहाँ हम जाते हैं सबको ये बतलाते हैं,
श्याम हमें देता जिससे अपना परिवार चलाते हैं,
जीवन भर ना भूलेंगे हम इनका ये एहसान,
जिसके कारण है मेरी दुनिया में पहचान,
सब कुछ दिया है सोनू श्याम ने,
इच्छा यही एक यही बाकी,
छोड़े दुनिया तो नसीब हो,
हमको खाटू की माटी,
गुण श्याम का गाते गाते ,
निकले मेरे तन से प्राण,
जिसके कारण है मेरी दुनिया में पहचान,