मेरा श्याम बड़ा दातार दातार भर भर के खजाने बाँट रेहा
यो देव बड़ा है दिल वाला किस्मत का खोल दे वे ताला,
यो सेठ बड़ा साहूकार,
भर भर के खजाने बाँट रेहा
कोई इन सा देव नही दूजा घर घर में होती है पूजा
ये कलयुग का अवतार,
भर भर के खजाने बाँट रेहा
जो चाहो मांगो तुम प्यारे याहा खुले पड़े है भंडारे,
ना करता कभी उधार,
भर भर के खजाने बाँट रेहा
याहा कोई नही है बड़ा छोटा
भगतो का दूर करे सोटा करे भीम सेन क्यों बार,
भर भर के खजाने बाँट रेहा