मृगला ​​खेत गया सब खाई

अब मैं क्या करु मेरे भाई,
मृगला ​​खेत गया सब खाई
क्या करु मेरे भाई अब मैं,
खेत गया सब खाई
मृगला ​​खेत गया सब खाई,
ऐ मृगला ​​खेत गया सब खाई

केसर कस्तूरी कै गारा बणाया,
गंगा जमुना पाणी,
राम लक्ष्मण भर भर के लावे,
सींचें सीता माई,
खेत गया सब खाई
ऐ मृगला ​​खेत गया सब खाई

पच मृग पचीस मृगली,
रहवे इस वन माहीं,
इस वन मैं है खेत हमारा,
सोवे चरी चरी जाइ,
खेत गया सब खाई,
ऐ मृगला ​​खेत गया सब खाई

जागू तब तो भागी जावै,
सोऊँ तो फिर आई,
भीतर बैठ के उजाड़ करे वो,
इनसे मची लड़ाई,
खेत गया सब खाई
ऐ मृगला ​​खेत गया सब खाई

ध्यान तीर सुमिरन का भाला,
नानक कमान चढाई
नूरत सूरत साथी आगे,
चार किवाड़ कराई,
खेत गया सब खाई
ऐ मृगला ​​खेत गया सब खाई

हे सद्गुरु सन्मुख रक्षक लीन्हा,
ढ़ाल अभेद बनाई,
अवधू गोरक्ष बोल्या वाणी,
मृग को मार हटाई,
मृगला खेत गया सब खाई

अब मैं क्या करु मेरे भाई,
मृगला ​​खेत गया सब खाई
क्या करु मेरे भाई अब मैं,
खेत गया सब खाई
मृगला ​​खेत गया सब खाई,
ऐ मृगला ​​खेत गया सब खाई
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