ऊँची चढ़ाई तेरा लम्बा रस्ता,
और चढ़ा नहीं जाता,
इसी लिए करवाया मैंने,
घर में तेरा जगराता माँ,
नाचू गा मैं गाऊगा माँ,
चुनरी लाल चढ़ाऊंगा माँ,
आज नहीं मन मेरा वस् में बड़ी ख़ुशी मुझे माता,बी
इसी लिए करवाया मैंने,
घर में तेरा जगराता माँ,
सबको भेजा है माँ भुलावा,
जो भी आयगा माँ चडावा,
किसी गरीब की कन्या को दान करुगा मैं माता,
इसी लिए करवाया मैंने,
घर में तेरा जगराता माँ,
कोई नही जिस का उसकी तू,
आस पुगा बलजीत की माँ तू,
जन्मो जन्म तेरा लाल रहू मैं,
टूटे ये न नाता,
इसी लिए करवाया मैंने,
घर में तेरा जगराता माँ,