मैया ओढ़ चुनरिया लाल के बैठी कर सोलह शृंगार,
बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोहनी लागे,
लाल चुनरियाँ चम चम चमके रोली का टीको दम दम दमके,
थारे हाथ मेहँदी लाल के बैठी कर सोलहा शृंगार,
बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोहनी लागे,
पग लारी पायल छम छम छमके,
हाथ आला चूड़ो खन खन खनके,
थारे गल हीरा को हार के बैठी कर सोलहा शृंगार,
बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोहनी लागे,
खोल खजानो बैठी मेरी मइयाँ जो चाहे सो मांग लो मइयाँ,
माहरी मइयाँ लख दातार की बैठी कर सोलह शृंगार,
बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोहनी लागे,