बेफिक्र है वो हर बात से हर दर्द से अनजान है,
उसे डर नहीं किसी तूफ़ान का जिसपे सँवारा मेहरबान है
चाहे सुख आये चाहे दुःख आये चाहे किस्मत ही हर सितम ढाहे,
श्याम प्रेमी न कभी गबराये,
चाहे लाख दिल में दर्द हो पर लव पे मुस्कान है,
उसे डर नहीं किसी तूफ़ान का जिसपे सँवारा मेहरबान है
जो भी निर्भर है श्याम प्यारे पे जिसका जीवन है इसके सहारे पे,
वक़्त चलता है उसके इशारे पे,
इसका अलग अंदाज है उसकी अलग ही शान है,
उसे डर नहीं किसी तूफ़ान का जिसपे सँवारा मेहरबान है
जिसकी कश्ती का श्याम माझी है इसकी रजा में जो सिनु राजी है,
हार पा न कोई भाजी है मुश्किल से भी मुश्किल सबक लगता उसे आसान है,
उसे डर नहीं किसी तूफ़ान का जिसपे सँवारा मेहरबान है