जग में सुंदर इक धाम, जिसका श्री आनंदपुर नाम
पावनं धाम-पावनं धाम, श्री आनंदपुर पावनं धाम
जग में सुंदर इक धाम, जिसका श्री आनंदपुर नाम
आनंद ही आनंद जहां पर, प्रेम ना ऊंघता की होली
हर्षित हैं सब देख-देख, भक्तनं और सन्तों की टोली,
बोले सब जय सत चित्त आनंद, सिमरें गुरु का नाम,
सांचा नाम-सांचा नाम, गुरु का नाम-गुरु का नाम,
जग में सुंदर इक धाम, जिसका श्री आनंदपुर नाम
पावनं धाम-पावनं धाम, श्री आनंदपुर पावनं धाम
जग में सुंदर इक धाम, जिसका श्री आनंदपुर नाम
युग-युग रुप अनेक धार कें, आये भक्तं उबारन,
इस युग में श्री परमहँस का, रुप किया हैं धारणं,
द्वापर का कान्हा भी यही हैं, यही हैं राजा राम,
बोलो राम-राम,बोलो शयाम-शयाम,
जग में सुंदर इक धाम, जिसका श्री आनंदपुर नाम
पावनं धाम-पावनं धाम, श्री आनंदपुर पावनं धाम
जग में सुंदर इक धाम, जिसका श्री आनंदपुर नाम
भाग्य खुला पूरणं गुरु पाया, पूरणं गुरु का दर्श महान,
सतगुरु देव नें किरपा करकें, बकशीं संगत सन्त महान,
दास बना उपकार किया जो-२, पल-पल करुं प्रणाम
दासनदास का प्रणाम, सब सन्तों कों हैं प्रणाम,
सतगुरु देव कों प्रणाम,
जग में सुंदर इक धाम, जिसका श्री आनंदपुर नाम
पावनं धाम-पावनं धाम, श्री आनंदपुर पावनं धाम
जग में सुंदर इक धाम, जिसका श्री आनंदपुर नाम
पावनं धाम-पावनं धाम, पावनं धाम-पावनं धाम