मेरे दिल मे तू है,फिर मै हू कहां...-2
तू जहां जहां मै वहाँ वहाँ
जब तू ही तू है फिर मै हू कहां,
मेरे दिल मे तू है,फिर मै हू कहां।
जय वैष्णो माँ जय वैष्णो माँ
तू वैष्णो विश्व की मालक है
तू सारे जग की पालक है
पर्वत क उपर डेरा है
सुन्दर सी गुफ्फा मे बसेरा है
हो मेरे दिल मे तू है,फिर मै हू कहां।
जय वैष्णो माँ जय वैष्णो माँ
जब से माँ तुझको पाया है
सारे जग को मैंने भुलाया है
मेरे मन में तेरी मूरत है
नैनो में तेरी सूरत है
जब तू ही तू है फिर मैं हु कहा
तू युगों युगों से है मईया
चंचल जैसे आये चले गए
तुझे कसम है अपने भक्तो की
जो बिना दर्शन पाए चले गए
जब तू ही तू है फिर मैं हु कहा
तू जहां जहां मै वहाँ वहाँ
जब तू ही तू है फिर मै हू कहां,
मेरे दिल मे तू है,फिर मै हू कहां।
जय वैष्णो माँ जय वैष्णो माँ.....