हनुमत से यूँ बोले रघुवर,
कर्जा भारी तेरा मुझ पर,
मुझ पर तुम्हारा बड़ा उपकार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है.....
तुम ना होते तो सीता को,
कैसे मैं पा सकता था,
बिन तेरे तो लक्ष्मण का भी,
बचना मुश्किल लगता था,
तुम्हारा वो बूटी लाना चमत्कार है,
तुम्हारा वो बूटी लाना चमत्कार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।।
जब जब होगा जनम मेरा
तुम हरदम होंगे साथ मेरे,
कैसे तुमसे बिछड़ूँगा मैं,
तुम हो बाएं हाथ मेरे,
तुमसे ही मेरा ये परिवार है,
तुमसे ही मेरा ये परिवार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।।
जन्म जनम तक ना उतरेगा,
ऐसा कर्ज चढ़ाया है,
भक्त शिरोमणि हनुमत को,
ये कहकर गले लगाया है,
आँखों से आंसुओ की बही धार है,
आँखों से आंसुओ की बही धार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।।
भक्त और भगवान मिले तो,
सभी देवता हर्षाए,
देख अनोखा मिलन सभी ने,
धन्ना पुष्प बरसाए,
झूमा ख़ुशी में सारा संसार है,
झूमा ख़ुशी में सारा संसार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है।।
हनुमत से यूँ बोले रघुवर,
कर्जा भारी तेरा मुझ पर,
मुझ पर तुम्हारा बड़ा उपकार है,
रघुकुल तुम्हारा कर्जदार है.............