टेढी़ चितवन हैं, खड़े टेढ़े चरण
ऐसे प्यारे हैं मेरे राधारमण
- ये लुभा लेते अपनी मुस्कन से
छीन लेते हैं हसके सबका ये मन
।।टेढ़ी चितवन ।।
- बचके रहना है उनकी नज़रों से
कुछ तो जादू भरे हैं दोनों नयन
।।टेढ़ी चितवन ।।
- केश घुंघराले कमर लचकीली
हम तो हारे प्रशान्त दिल का चमन
।।टेढ़ी चितवन ।।