नज़रें कर्म से तेरी,
मेरी जिंदगी सँवर गई l
ख़ाली थी झोली मेरी दाता,
जो पल में भर गई ll
मेरे बिगड़े, बना दो काज़* ll,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज ll
*ओ मेरे, गणपति जी महाँराज, xll
अब, रख लेना मेरी लाज़* ll,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,,,
मेरे बिगड़े, बना दो काज़,,,,,,,,,,
तुम, बुद्धि के दाता हो,
सारे, जग के विधाता हो ll
हो देवों, के सरताज* ll,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,,,
मेरे बिगड़े, बना दो काज़,,,,,,,,,,
मुझे, तूने सँवारा है,
दिया, मुझको सहारा है ll*ll
मैं, दर पे खड़ा हूँ आज* ll,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,,,
मेरे बिगड़े, बना दो काज़,,,,,,,,,,
माँ गौरां के, प्यारे हो,
और शिव के, दुलारे हो llll
मेरे, पूर्ण करो सब काज़* ll,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,,,
मेरे बिगड़े, बना दो काज़,,,,,,,,,,
तेरे, दर पे हम आएँगे,
और, झूम के गाएँगे ll
अभिषेक, बिनती करत है आज* ll,
ओ मेरे, गणपति जी महाँराज,,,
मेरे बिगड़े, बना दो काज़,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल