गोवर्धन धाम चलो री प्यारी

गोवर्धन धाम चलो री प्यारी,
गोवर्धन धाम चलो री प्यारी,
ए री गोवर्धन हां री गोवर्धन,
धाम चलो री प्यारी,
गोवर्धन धाम चलो री प्यारी ॥

जहाँ गिरीराज महाराज विराजें,
लता पता वन उपवन साजें,
दर्शन कूं आवें नर नारी, गोवर्धन॥
गोवर्धन धाम चलो री प्यारी, गोवर्धन॥

सात कोस परिक्रमा लगाओ,
कुंड कुण्ड कौ आचमन पाओ,
मानसी गंगा नहाओ प्यारी, गोवर्धन॥
गोवर्धन धाम चलो री प्यारी, गोवर्धन॥

ठौर ठौर पे मंदिर विराजें,
सभी यहाँ दर्शन कूँ भाजें,
गिरधर की झांकी है अति प्यारी, गोवर्धन॥
गोवर्धन धाम चलो री प्यारी, गोवर्धन॥

श्री गिरीराज पे दूध चढ़ाऔ,
फल पेड़न को भोग लगाऔ,
तन मन धन सब देउ वारी, गोवर्धन॥
गोवर्धन धाम चलो री प्यारी, गोवर्धन॥

श्री गिरीराज तलेटी में बैठो,
धरो ध्यान गिरवर धारी को,
हुई आनंद हृदय भारी, गोवर्धन॥
गोवर्धन धाम चलो री प्यारी, गोवर्धन॥
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