जय जय पितर जी महाराज,
थारी बोला जय जयकार,
मन से ध्यावाँ, मनावाँ,
म्हारों कर दो बेड़ो पार,
जय जय पितर जी महाराज,
थारी बोला जय जयकार,
मन से ध्यावाँ, मनावाँ,
म्हारों कर दो बेड़ो पार,
जय जय पितर जी महाराज।
नित उठ थारो देवां ध्यान लगावा,
लाड लडावाँ थाने हाल सुनावा.....-2
सुण जो म्हारी ये पुकार,
टाबर बैठ्या भुजा पसार,
मन से ध्यावाँ, मनावाँ,,
म्हारों कर दो बेड़ो पार,
जय जय पितर जी महाराज।
बेगा संभालों आओ देर ना लगाओ,
बांट निहाराी थारी दर्श दिखाओ....-2
म्हाने थारो ही आधार,
थारे बिण कुण हैं खेवनहार,
मन से ध्यावाँ, मनावाँ,
म्हारों कर दो बेड़ो पार,
जय जय पितर जी महाराज।
देव हो दयालु थे तो बड़ा दिलवाला,
आस लगाकर बैठां बनो रखवाला....-2
म्हाने थारी है दरकार
सौंपी थाने या पतवार
मन से ध्यावाँ, मनावाँ,
म्हारों कर दो बेड़ो पार,
जय जय पितर जी महाराज,
थारी बोला जय जयकार,
मन से ध्यावाँ, मनावाँ
म्हारों कर दो बेड़ो पार.....