अंगना में तुलसा लगा दूंगी,
शालिग्राम जी को संग में बिठा दूंगी.....
जब तुलसा मेरी भई रे सयानी,
शालिग्राम संग ब्याह रचाए दूंगी,
शालिग्राम जी को संग में बिठा दूंगी......
जब तुलसा को बिंदिया लगाऊं,
बिंदिया लगाऊं सखी बिंदिया लगाऊं,
तोहे केसर तिलक लगाए दूंगी,
शालिग्राम संग ब्याह करा दूंगी,
अंगना में तुलसा.....
जब तुलसा को फुलवा चढ़ाऊं,
फुलवा चढ़ाऊं सखी माला पहनाऊं,
तो है मोतियन हार पहना दूंगी,
शालिग्राम संग ब्याह रचा दूंगी,
अंगना में तुलसा.....
जब तुलसा को चुनरी उठाऊं,
सुंदर उठाऊं सखी साड़ी पहनायूं,
तो है पीला पितांबर पहनाई दूंगी,
शालिग्राम संग ब्याह रचाए दूंगी,
अंगना में तुलसा.....
जब तुलसा को लड्डू खिलाऊं,
लड्डू खिलाऊं सखी लड्डू खिलाऊं,
तो है माखन मिश्री खिला दूंगी,
शालिग्राम संग ब्याह करा दूंगी,
अंगना में तुलसा....
जब तुलसा की डोली सजायूं,
डोली सजायूं सखी डोली सजायूं,
तेरे रथ में संघ बिठाए दूंगी,
शालिग्राम संग ब्याह करा दूंगी,
अंगना में तुलसा.....
जब तुलसा वृंदावन पहुंची,
वृंदावन में राधा देखी,
दोनों में मेल करा दूंगी,
शालिग्राम संग ब्याह करा दूंगी,
अंगना में तुलसा.....