तू माँ के द्वारे झुक जा

अरे ऊंचे पर्वत चढ़ चलो,
श्रद्धा से आगे बढ़ चलो,
हमे माँ का बुलावा आया है,
हमे उसने आज बुलाया है,
तू माँ के द्वारे झुक जा रे,
एक बार सवाली बन के,
ओ बन के, ओ बन के,
तू माँ के द्वारे झुक जा रे,
एक बार सवाली बन के,
जगदाति, वरदाति,
जगदम्बे मैया भर देगी,
भंडार तुम्हारे धन से,
तू माँ के द्वारे झुक जा रे,
एक बार सवाली बन के,
ओ बन के, ओ बन के
तू माँ के द्वारे झुक जा रे
एक बार सवाली बन के
ओ बन के, ओ बन के......

वो दुर्गे है, वो काली है
वो वैष्णो भवनों, वाली है
वो लक्ष्मी है, महादाति है
वो शारदा भी, कहलाती है
वो अम्बे जगदम्बे,
ज़र्रों को तारे कर देती,
वो पन्ने नील गगन के,
तू माँ के द्वारे झुक जा रे,
एक बार सवाली बन के,
ओ बन के, ओ बन के,
तू माँ के द्वारे झुक जा रे,
एक बार सवाली बन के,
ओ बन के, ओ बन के........

अरे ऊंचे पर्वत चढ़ चलो,
श्रद्धा से आगे बढ़ चलो,
हमे माँ का बुलावा आया है,
हमे उसने आज बुलाया है,
वो तुम्हे ख़ुशी का, घर देगी
माटी को सोना, कर देगी
वो गूंगो को, बुला सकती
वो रोते मुँह, हसा सकती
वो मैया, वो मैया,
भक्तो के घर में भेजती झौंके,
खुशियों भरी पवन के,
तू माँ के द्वारे झुक जा रे,
एक बार सवाली बन के,
ओ बन के, ओ बन के,
तू माँ के द्वारे झुक जा रे,
एक बार सवाली बन के,
ओ बन के, ओ बन के......

तू माँ के द्वारे झुक जा रे,
एक बार सवाली बन के,
ओ बन के, ओ बन के,
तू माँ के द्वारे झुक जा रे,
एक बार सवाली बन के,
जगदाति, वरदाति,
जगदम्बे मैया भर देगी,
भंडार तुम्हारे धन से,
तू माँ के द्वारे झुक जा रे,
एक बार सवाली बन के,
ओ बन के, ओ बन के
तू माँ के द्वारे झुक जा रे
एक बार सवाली बन के
ओ बन के, ओ बन के......
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