आने में देर लगाईं रे,
तूने क्यों अम्बे माँ,
तेरी कितनी करूँ मैं बड़ाई रे,
आने में देर लगाईं रे।
मंदिर भी सूने, सूने चौबारे,
तेरे जयकारों से, गूंजेंगे द्वारे,
तेरी महिमा जग से निराली,
कृपा कर दो हे ज्योतावाली,
करुणामई अम्बे माँ,
तेरी कितनी करूँ मैं बड़ाई रे,
आने में देर लगाईं रे।
मस में आशा का दीप जलाएं,
बैठें हैं सब झोली फैलाएं,
भक्त तुम्हारे तुमको पुकारे,
आजा माँ अब बाहें फैलाएं,
करुणामई अम्बे माँ,
तेरी कितनी करूँ मैं बड़ाई रे,
आने में देर लगाईं रे।
सब हैं प्यासे तेरे दर्श को,
आके मैया कल्याण कर दो,
कर दो कृपा ओ झंडेवाली,
दे दो दर्शन ओ मेहराँ वाली,
करुणामई अम्बे माँ,
तेरी कितनी करूँ मैं बड़ाई रे,
आने में देर लगाईं रे,
तूने क्यों अम्बे माँ........