इस महारानी के प्यार म्हं कही पागल ना हो जाऊँ,
हो कही पागल ना हो जाऊँ.....-2
शेर पे चढ़के या रण म्हं आवै,
रण भूमि म्हं दो हाथ दिखावै,
में इसके शेर नै देख के कही पागल ना हो जाऊँ,
इस महारानी के प्यार म्हं कही पागल ना हो जाऊँ,
हो कही पागल ना हो जाऊँ.....
इसके के सिर पे मुकुट विराजे,
इसके तन म्हं चोला साजे,
इसके चोले नै देख के कही पागल ना हो जाऊँ,
इस महारानी के प्यार म्हं कही पागल ना हो जाऊँ,
हो कही पागल ना हो जाऊँ.....
दर्शन का तने मौका मिल रहया,
इस पै रूप गजब का खिल रहया,
मैं इसके रूप नै देख के कही पागल ना हो जाऊँ,
इस महारानी के प्यार म्हं कही पागल ना हो जाऊँ,
हो कही पागल ना हो जाऊँ.....
कह मुरारी शरण म्हं आ आजा,
एक बै मईया दर्शन दिखा जा,
इसके दर्शन करके कही पागल ना हो जाऊँ,
इस महारानी के प्यार म्हं कही पागल ना हो जाऊँ,
हो कही पागल ना हो जाऊँ.....