मैं राधा तेरी धुन में कृष्णा ऐसे खो गयी,
बंसी सुन के तेरी लागे तृष्णा पूरी हो गयी,
मैं राधा तेरी धुन में कृष्णा ऐसे खो गयी,
बंसी सुन के तेरी लागे तृष्णा पूरी हो गयी,
चाहे व्याह के मन्ने लाईये ना,
चाहे रिश्ते में अपनाइये ना,
मैं गैल रहूगी हर क्षण,
मेरा प्यार भुला के जाइये ना,
चलो देखु मुझसे जयादा लाड,
तुम्हे करती है क्या कोई,
गोपी होगी लाखो पर मेरे जैसी ना है कोई,
मैं राधा तेरी धुन में कृष्णा..........
चाहे नदी किनारे आइये ना,
मन्ने गले अपने लाइए ना,
तेरे गुन गाऊगी सांझ सवेरे,
तू चाहे मन्ने चाहिए ना,
तैने देख के रानी गेल्या,
मेरी आंख बरसे मीह,
जे प्यार बिछड़ गया जनमा का,
मेरा दुःख पावेगा जी,
मैं राधा तेरी धुन में कृष्णा..........
तेरे बिन जीवन का मोल नही,
कोई धन तुझसे अनमोल नही,
राधा कृष्णा राधे कृष्णा,
मेरे होठा पे कोई बोल नही,
राधे कृष्णा के जैसा ना दुनिया में मिलन कोई,
ररुक्मणी मीरा गोपिया तेरी ना मुझको जलन कोई,
मैं राधा तेरी धुन में कृष्णा ऐसे खो गयी,
बंसी सुन के तेरी लागे तृष्णा पूरी हो गयी॥